मध्य प्रदेश के विविध नैसर्गिक सुंदरता की तरह यहाँ की कला और संस्कृति भी बहुआयामी है। मध्य प्रदेश विभिन्न संस्कृतियों का संगम स्थल रहा है जैसा कि यह हिन्दुओं, जैनों, बौद्ध, मुस्लिम तथा विभिन्न जनजातियों का आश्रय स्थल रहा है। वास्तविकता में सभी प्रजातियों तथा विभिन्न कालखंडों ने पूरे प्रदेश में मंदिरों, स्तूपों तथा महलों के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
विशेष चयनित कलाकारों साहित्य मनीषियों को राज्य शासन द्वारा संस्थापित विभिन्न सम्मानों से सम्मानित करना, शासकीय कार्य व्यवहार में हिंदी भाषा के अधिकाधिक उपयोग का प्रचार-प्रसार, प्रोत्साहन करना, जिले से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण प्रासंगिक जानकारियों का संग्रहण कर जिला गजेटियर के रूप में प्रकाशन करने के साथ राज्य की कला संस्कृति व साहित्य का संरक्षण कर उसे प्रोत्साहन देना संस्कृति संचालनालय के प्रमुख कार्य हैं।
राज्य के जिलों से सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण, प्रासंगिक तथा प्रामाणिक जानकारियों को गज़ेटिएर के रूप में संग्रहित व संचालित किया गया है। भारत शासन की योजना के अनुरूप प्रारंभिक रूप सह सभी गज़ेटियर्स अंग्रेजी भाषा में तैयार करवाये गए थे तथा बाद में संस्कृति संचालनालय ने इन गज़ेटियर्स का हिंदी रूपांतर भी तैयार करवाया है।
संस्कृति संचालनालय ने ब्रिटिश कालीन तथा प्राचीन शाही रियासतों के समय तैयार किये गए गजेटियर्स तथा समकालीन ग्रंथों/कार्यों के पुनर्प्रकाशन भी करवाये हैं । वर्तमान तक सम्पूर्ण मध्य प्रदेश के 51 जिलों में से 43 जिलों के गज़ेटियर्स तथा ब्रिटिश कालीन तथा रियासत कालीन तैयार 26 गज़ेटियर्स के हिंदी अनुवाद उपलब्ध हैं। अभी हाल ही में मूलतः अंग्रेजी में तैयार किये गजेटियर के हिंदी रूपांतर प्राप्त हुए हैं। इन गज़ेटियर्स को उनके विक्रय मूल्य पर 40% छूट के साथ विक्रय किया जाता है।